नरक क्या है ? / क्या कोई ऐसी जगह होती है? क्यूँ हम नरक शब्द से डरते है? नरक से मुक्ति याने की भय से दुःख से मुक्ति. स्वर्ग से मुक्ति याने लालच से मुक्ति. स्वर्ग, नरक क्या है ? हमारे पास ही स्वर्ग है. हमारी बेहोशी, मान्यता, और अज्ञान यह सब टूटने की अवस्थाही स्वर्ग प्राप्ति है. क्योकि मई कौन हूँ? इस प्रश्न का उत्तर जानने वाला ही स्वर्ग की प्राप्ति कर सकता है.
( मई कौन हूँ — मै खुद ही आनंद हूँ )
यह नकली स्वर्ग – नरक ने हमे ईश्वर से वंचित कर दिया है. परमात्मा से दूर किया है. हमे खुद की कोई पहचान नहीं. हमे पंडित-पुरोहितोंने गलत धारणाओंमे उलझा दिया है. उपवास, व्रतवैकल्ये, कर्म कांडसे भगवान कभीभी प्रसन्न नहीं होते. यह गलत धारणा में अपना समय मत गमाओ. सत्य की पहचान यह बोध देती है यह मिथ्या धारणासे जागो और हम कौन है स्व अनुभवसे जानो. ताकि हम स्वर्ग-नरक से मुक्त हो सके. स्वर्ग-नरक हम अपने साथ लेकर घूमते है. हमारे विचार, हमारी समझ स्वर्ग निर्माण और नरक आग उलगती है. इसे मिटाना होगा.
असली सत्य का स्वर्ग-नरक से कुछ लेना देना नहीं है. हमरेमे नैतिकता आने के लिए स्वर्ग-नरक का वास्ता दिया गया है. स्वर्ग का लोभ नरक का डर दिया है. लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. ऐसी गलत बातो में उलझकर समय बर्बाद मत करना, इसमे सत्य से वंचित रह जाओगे.
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kya sachmuch me nark hota hai. sikine iska abhyas kiya hau. ya dharti hi nark hai aur dharti hi swarg hai.
Marne pe atma ka kya hota hai?