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|| आरती माहूरगडवासिनी रेणुका माताची ||
जयजय रेणुके | श्री माते माहूरगडी वसते |
भक्तां देई तू | मुक्ती हो | मूळ पीठ नायिके || धृ ||
उंच बैसलीस | डोंगरी | अरण्याभितरी |
हिंस्त्र पशूंचा | होरणी | पावे मज निर्वाणी ||१ ||
डोंगर पायथी | तलाव | मातृक नामे थोर |
जन येती हो | स्नानासी | पावसी मनोरथासी |
एसी तव लीला | ओ बाई | दर्शन दे ग आई ||२ ||
दत्त नामे हो | शिखर | अनुसया डोंगर |
भद्र काली ती | समोर | नांदे परशुराम |
भक्ता करीतसे | पावन | लागो तुझे ध्यान ||३ ||
तीर्थ अससी हो | १०८ | सर्व हि बहु श्रेष्ठ |
सर्व तीर्थ आहे | पवित्र | मना आनंद देत |
तेथे पाहुनिया | ती शोभा | हरी ss तन्मय उभा || ४ ||
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