* दुनिया की हर चीज ठोकर लगने से टूट जाती है, पर कामयाबी ही एक ऐसी चीज है जो ठोकर खाकर ही मिलती है, ठीक ऐसी तरह दुनिमे सबसे ताकतवर इन्सान वह होता है,जो धोका खाकर भी दुसरेकी मद्त करना नहीं छोड़ता, अगर आप दूसरे की मद्त करते हो, लोग आपको धोखा दे रहे है तो इसमें आपकी कोई गलती नहीं है, ये तो जीवन का कड़वा सच है , की आप मौका देते रहेंगे और लोग धोका देते रहेंगे.
* कोई आपका विशवास तोड़ दे आपको बुरे वक्त अकेला थोड़ देते है, तो उस व्यक्ति के शुक्र गुजार रहे, क्योकि उसको पूरा भरवसा था की आप मुसबत से एकेले निपट सकते है, ये इस दुनियाकी कड़वी सचाई है की लोग हमारी कदर तब करते है जब हम उन्हें नजर अंदाज करते है.
*जिंदगी का एक उसूल है,उसे हमेशा याद रखना दोस्ती सबसे करना लेकिन भरवसा खुद पर रखना
* अपने रस्ते हमेशा खुद चुनना क्योकि तुमसे बढ़कर तुम्हे कोई और नहीं जानता, किसीसे मद्द्त की उम्मीद नहीं रखना, क्योकि उम्मीद दुःख देती है .
इर्षा : जो लोग आपसे इर्षा करते है उनसे कभी नफरत मत करो, बल्कि उनसे बहुत प्यार करो क्योकि वही जानते है की आप उनसे हर मामलेमे बेहत्तर हो.
कड़वे सच
*भरी हुई जेब अक्सर गलत रास्तें पर ले जाती है,पर खली जेब जिन्द्की का असली मतलब समझाती है.
* घमंड ओर पेट जब दोनों बढ़ते है तब इन्सान चाहकर भी किसी को गले नहीं लगा सकता.
* जबतक बेटा खुद बाप नहीं बन जाता, तब तक उसे आपने पिता का हर निर्णय गलत लगता है.
* जो लोग सबकी परवाह करते है उनकी परवाह करनेवाला कोई नहीं होता.
* अगर कोई पूछ ले की इस दुनिया में तुम्हारा अपना कौन है, तो कह देना के समय! क्योकि समय सही तो सब अपने वरना कोई नहीं .
* जिन्द्की लड़ाई हमेशा एकेले लड़नी पड़ती है, क्योकि लोग सिर्फ तसल्ली तो देते है, पर साथ कोई नहीं देता.
* सच्चे प्यार ओर वफ़ा को दुनिया में मत ढूंढो, क्योकि माँ के सिवा कोई वफादार नहीं है.
* सफर चाहे कोई भी चुन लीजिये, मगर रास्ता कभी गलत मत चुनना.
* जित हासिल करनी है तो, काबिलियत बढ़ाओ क्योकि किस्मत की रोटी कुत्तोंको भी नसीब होती है.
* लोगोंकी फ़िक्र मत कीजिये, क्योकि आप नाकामयाब है तो लोग आपका मजाक उड़ाएंगे, ओर कामयाब है तो लोग आपसे जलेंगे.
* इंसान अपने कमाई के हिसाबसे नहीं, बल्कि अपने जरूरतोंके हिसाबसे गरीब होता है.
* कभी अपने आप को बद किस्मत मत समझियेगा, क्योकि आप के पास भरपेट खाना है,किसी भुके गरीब बच्चे से पूछिए उसके पास भूक से बढ़कर मजहब रोटी से बढ़ा कोई ईश्वर नहीं है. इसलिए मंदिर या मज्जित में सीमेंट की बोरी देने से बदले अनाज की बोरी दे देना.