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आरती अंबा माताची [ रेणुका आई ]
जय देवी अंबा बाई | परशुरामाची आई |
आरती ओवाळीन | माझे रेणुका आई || धृ ||
मातापुरी तुझा वास | भक्त धरिती ध्यास |
संकट समयास | धाव घेई तू खास || १ ||
काय वर्णू तुझे गुण | शेष थकलासे जाण |
अज्ञान हरी पाही | अम्बे देई ग दर्शन || २ ||
जयदेवी अंबाबाई .
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